बेटा हूँ तेरा माँ
सुबह जग के जाता था जो दोड़ने
आँखों में मंजिल , होठों पे ले तेरा नाम
पहन के वर्दी , कसम तेरी खाऊंगा
पूछेगी उस दिन मुझ से
कहूँगा गर्व से
" बेटा हूँ तेरा माँ "
घर मेरा संभला रहे
देश हित में कदम अड़े रहे
कड़कड़ाती गर्मी में मुस्काऊँ
सरसराती सर्दी में पावँ बर्फ में गड़े रहे
कभी शंका हो मन में , तो दोहराउं
" बेटा हूँ तेरा माँ "
दुश्मन आतंक मचाने को चाहेगा
छल से जब पीठ में छुरा घोपेगा
आशीर्वाद इतना उस वक़्त दे देना मुझे
मरने से पहले , छलनी कर दूँ सीना उसका
फिर बेशक 56 बार लोहा दाग दे
आँखों में अश्क न होगा , न तुम रखना
पूछे कोई
केह देना
"बेटा हूँ तेरा माँ "
" बेटा हूँ तेरा माँ "
#Vande_matram

