आरती एक धार्मिक परंपरागत रीति है जो विभिन्न धार्मिक समुदायों में प्रचलित है, विशेषकर हिन्दू धर्म में। यह एक पूजा रीति है जिसमें एक देवता, देवी, या भगवान की स्तुति और पूजा की जाती है।
आरती का कारण निम्नलिखित हो सकता है:
1.भक्ति और समर्पण:
- आरती का मुख्य उद्देश्य ईश्वर या देवता के प्रति भक्ति और समर्पण का अभिव्यक्ति करना है। इसके माध्यम से भक्त अपनी भक्ति और समर्पण की भावना को व्यक्त करता है।
2. आराधना और संगीत:
- आरती एक आराधनात्मक प्रवृत्ति है जिसमें भक्त द्वारा देवता के सामने गाया जाने वाला संगीत और आराधना का परिचय होता है।
3. सामुद्रिक अर्पण:
- आरती में दीपक को सामुद्रिक अर्पण किया जाता है, जिससे देवता को यहां आने का आमंत्रण होता है और वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
4. धार्मिक उत्सवों का हिस्सा:
- आरती धार्मिक उत्सवों और साहित्यिक कार्यक्रमों का हिस्सा बन सकती है, जैसे मंदिरों में, गुरुद्वारों में, और अन्य धार्मिक स्थलों में।
5. शांति और सुरक्षा का आशीर्वाद:
- आरती के द्वारा भक्त ईश्वर से शांति, सुरक्षा, और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।
आरती एक आध्यात्मिक अनुष्ठान होती है जो व्यक्ति को ईश्वर के साथ एकाधिकार स्थापित करने का अवसर प्रदान करती है और भक्ति और धार्मिकता की भावना को समर्थन करती है।
